//BREAKING//
Loading...

"एक चिराग ओर बुझा रोशनी कम हुई"

 "एक चिराग और बुझा रौसनी  कम हुई "

जन्म भूमि से कर्मभूमि महान होता है क्योँ की अनजान लोगों के बीच अपनी खुद की पहचान बनाना और सभीके प्रियपात्र बन कर अपनी एक अलग पहचान बनाना हर एक कि बस की बात नहीं ।बिहार में जन्मे एक 18 साल का जुबा 1971 साल में कालाहांडी जिल्ला में आते हैं ।और तबसे आज तक वो कालाहांडी को ही अपनी अबकुछ समझ लेते हैं ।एक प्राइभेट कम्पनी में काम करते हुए अपनी खुद की एक अलग पहचान और परिचय छोड़ गए  ।समाज के हर वो जरूरत मंद शख्स की  मदद हो या कोई भी सामाजिक कार्य, ब्लड डोनेसन केम्प हो या  जरूरी दबाई की इंतेजाम नेपाली जी के पास जो कोई भी गया कभी खलिहात वापिस नहीं लौटा ।नेपाली प्रसाद साहू  एक ऐसा ब्यक्तित्व जो हर वक़्त गरीब ,बेसहारा की मदद हो या कोई भी सामाजिक राजनैतिक या कोई अनुष्ठान का कार्यक्रम या फिर कोई ब्यक्तिगत समस्या उनके पास जो कोई भी गया या उन्हें खबर मिली तो निसंकोच सहायता की हात और मदद पहुँचाने मे  तत्पर रहते थे ।कुछ दिनों से वो जॉन्डिस और किडनी के बीमारी से जूझ रहे थे ।कोलकाता के AIIMS में उनकी इलाज चल रहा था ।पर भगवान की इच्छा के आगे मानब की कोई हैसियत नहीं ।आज वो परलोक सिधार गए । 50 साल से बहुत करीब से उन्हें जानने और पहचानने की मौका मिला है ।सामने वाला इंसान  जो भी हो जैसा हो अपना दुख बोल कर मदद मांगने पर  हर पल मदद के लिए तैयार रहतेथे ।ना वो कोई राजनेता थे ना सत्ता या बिपखय नेता ।एक वफादार, जुबान के पक्के और हमदर्द इन्शान थे नेपाली बाबू ।जो कालाहांडी जैसे जिल्ला में पचास साल से अपनी कर्मभूमि बना लिया था ।एक सच्चे और अच्छे समाजसेबी जो आज सभीको  छोड़ चले गए ।भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने के साथ साथ परिवार बालों को ये दुःख और शोक के  समय में  धीरज और साहस प्रदान करे ।शत शत नमन : ओमशान्ति

मोहम्मद अल्ली , बरिष्ठ पत्रकार 


Post a Comment

Previous Post Next Post

BREAKING

Tarzama News

Hi! Subscribe to my channel to receive inspiration, ideas, Tech and news in your YouTube screen 🔔

Subscribe